ब्यूरो रिपोर्ट- संदीप चौधरी
ब्लाइंड डबल मर्डर केस का खुलासा करते हुए पुलिस ने एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल के नेतृत्व में ऐतिहासिक खुलासा किया है। मामले में कोई वादी न होते हुए पुलिस ने खुद वादी बन हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों में लालची दरोगा समेत तीन लोग शामिल थे। पुलिस टीम को एसएसपी हरिद्वार द्वारा दस हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है। आपको बता दें कि आमजन की नजर से ओझल इस प्रकरण की शुरुआत झबरेड़ा क्षेत्र के एक नाले से हुई जहां एक अज्ञात युवक का शव बरामद हुआ। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव के पंचायतनामें की कार्यवाही करने के साथ ही युवक की पहचान के प्रयास शुरु किए। मृतक की कमीज पर अंकित टेलर के टैग की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम पहले टेलर और उसके बाद मृतक के बताए जा रहे घर पर पहुंची तो जानकारी मिली कि मृतक की मां ने बीते वर्ष के दिसंबर महीने में मकान की रजिस्ट्री 20 लाख रुपए में कर कुछ दिन पहले ही नए मकान मालिक को कब्जा दे दिया था। कब्जा देने के बाद मृतक और मृतक की दृष्टिहीन माता कुछ अन्य लोगों के साथ वहां से चली गई थी। कार्यवाही का फीडबैक ले रहे एसएसपी हरिद्वार ने अपनी टीम को पूरे मामले को जल्द से जल्द खुलासा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। नए मकान मालिक से मिले संदिग्ध मोबाइल नम्बर के आधार पर मृतक की मां की तलाश व शव से सम्बन्धित जाँच पड़ताल की गई तो सारा मामला धीरे-धीरे खुलकर पूरी तरह से सामने आ गया। वहीं जांच में सामने आए सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल पुलिस लाइन रोशनाबाद हरिद्वार में तैनात एक दरोगा व दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। वहीं प्रकरण में अन्य की संलिप्तता की पड़ताल करते हुए पुलिस टीम की पकड़ में आए हत्या आरोपियों से पूछताछ के आधार पर महिला का शव बरामद करने का प्रयास कर रही है जो हत्यारोपियों के मुताबिक उन्होंने उसके बेटे के शव से अलग कहीं दूर फेंका था।आरोपियों द्वारा बताया गया कि बिना पति अपने बेटे नरेन्द्र उर्फ राजा का पालन पोषण कर रही कांठ मुरादाबाद निवासी दृष्टिहीन ममता ने वहां की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर रोजगार की तलाश में करीब डेढ़ साल पहले हरिद्वार का रुख किया और प्रॉपर्टी बेचकर आए रुपयों से रोशनाबाद हरिद्वार में एक मकान खरीदा। यहां रोजगार की तलाश के दौरान ममता पुलिस लाइन रोशनाबाद में तैनात एक दरोगा और एक अन्य व्यक्ति शहजाद के सम्पर्क में आयी। दोनों ने उसे भरोसे में लेकर प्रॉपर्टी बेचने के लिए उकसाते हुए ये आश्वासन दिया कि वो उसकी देखभाल के साथ-साथ पूरा खयाल रखेंगे। इस बात पर भरोसा कर महिला ने रोशनाबाद स्थित अपने मकान का सौदा 20 लाख रुपए में तय कर मकान बेच दिया जिसमें से एक लाख रुपए की पेमेंट होनी बाकी थी। बड़ी नगदी हासिल करने का लालच और ऊपर से दृष्टिहीन महिला के परिजनों का डर न होने के चलते दोनों हत्यारोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ महिला और उसके बेटे को रास्ते से हटाकर पूरी रकम ऐंठने का प्लान बना दिया और सही मौके का इंतजार करने लगे। 9 फरवरी को प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना जब महिला अपने मकान का कब्जा नए मकानमालिक को देकर बचे हुए एक लाख रुपये भी ले चुकी थी। योजना के मुताबिक मां-बेटे को अपने बुलाए गए ऑल्टो कार में बैठाकर ले जाया गया और मौका मिलते ही गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद प्रकरण को बड़ी सनसनी बनने से रोकने के लिए दोनो शवों को अलग-अलग स्थानों पर लावारिस हालत में फेंक दिया गया। पुलिस टीम ने बंटवारे में आयी रकम से खरीदी गई ऑल्टो कार बरामद करने के बाद अब हिस्से में आए नगदी व अन्य सामान की रिकवरी के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयास कर रही है। आरोपियों के नाम शहजाद पुत्र शऱाफत निवासी ग्राम अकबरपुर झौझा,विनोद उर्फ काला पुत्र अमर सिंह निवासी सराय ज्वालापुर और दरोगा छुन्ना सिंह पुत्र भोलानाथ निवासी- ग्राम राठा पोस्ट मसूदपुर उ0प्र0 है।पुलिस टीम में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, सीओ मंगलौर विवेक कुमार, थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा, उप निरीक्षक नीरज रावत, रविन्द्र कुमार, हैड कांस्टेबल रामवीर सिंह, विकास,कॉन्स्टेबल रणवीर सिंह और एसओजी रूडकी टीम में एसओजी प्रभारी रविन्द्र शाह, उपनिरीक्षक रमेश सैनी,कॉन्स्टेबल अशोक,रविन्द्र खत्री,राहुल नितिन और महिपाल शामिल रहे हैं।
