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हरिद्वार जिला समाज कल्याण अधिकारी की अंतिम चेतावनी 15 दिन में जांच रिपोर्ट नहीं दी गई तो अधिकारियों के खिलाफ होंगे मुकदमे दर्ज

हरिद्वार जिला समाज कल्याण अधिकारी की अंतिम चेतावनी 15 दिन में जांच रिपोर्ट नहीं दी गई तो अधिकारियों के खिलाफ होंगे मुकदमे दर्ज

बेल्डा गांव बाजूहेड़ी वह अन्य गांव की फर्जी तरीके से बनी विकलांग एवं वृद्धा पेंशन की जांच को लेकर गंभीर नजर आए जिला समाज कल्याण अधिकारी
आपको बता दे की रुड़की ब्लॉक के करीब एक दर्जन गांवों में फर्जी तरीके से बनाई गई वृद्धा एवं विकलांग पेंशन को लेकर जिला समाज कल्याण अधिकारी को एक अधिवक्ता द्वारा शिकायती पत्र देकर जांच करने की मांग की थी शिकायतकर्ता के पत्र के नियमों अनुसार जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेथा के द्वारा तीन सदस्य जांच करने हेतु टीम बनाई गई थी जिसके अध्यक्ष सहायक समाज कल्याण अधिकारी विनय सैनी थे लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि विनय सैनी भी पूरे मामले में सम्मिलित है इसलिए वह जांच में हिलवेली कर रहा है वही जिला समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि विनय सैनी को जांच से हटा दिया गया उनकी जगह अन्य अधिकारी को जांच में शामिल किया गया है ताकि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष हो सके और साथ-साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि मेरे द्वारा जांच कमेटी को तीन रिमाइंडर दिए जा चूके हैं इसलिए जांच कमेटी के पास यह अंतिम समय है अगर उसके बाद भी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नहीं सोपी तो यह मान लिया जाएगा की जांच कमेटी के सदस्य भी इस पूरे षडयंत्र में शामिल है इसलिए सभी जांच कमेटी के सदस्यों को अवगत करा दिया गया है अगर 15 दिन में जांच रिपोर्ट नहीं सौपी गई तो आपके खिलाफ विभाग के कार्रवाई के साथ-साथ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा वह शिकायतकर्ता बेल्डा निवासी इरशाद एवं एडवोकेट संजीव वर्मा का कहना है कि हमारे द्वारा जिला समाज कल्याण अधिकारी को एक पत्र देकर अवगत कराया गया है कि जो विकलांग पेंशन है उन सभी पेंशन धारकों के जांच हरिद्वार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा मेडिकल परीक्षण कराया जाए ताकि जिन दस्तावेजों के आधार पर विकलांग पेंशन हासिल की जा रही है आखिरकार वह दस्तावेज कहां से और किसने बनाए हैं इसलिए फर्जी कागज तैयार करने वाला एक बड़ा गैंग हो सकता है जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी पैसे को बंदर बाट कर रहा है इसलिए इस गैंग का पर्दा पास होना बहुत जरूरी है वही शिकायतकर्ता एडवोकेट संजीव वर्मा का कहना है कि हमारे द्वारा भी जिला समाज कल्याण अधिकारी को यह अंतिम समय दिया गया है उसके बाद सभी एविडेंस लेकर माननीय उच्च न्यायालय में एक पीआईएल डाली जाएगी जिसकी जांच सीबीआई या अन्य एजेंसीज है करने की मांग रखी जाएगी ताकि एक बड़े घोटाले से पर्दा उठ सके वही समाज कल्याण अधिकारी के द्वारा टीम को रिमाइंडर दिए गए सभी पात्रों की प्रतिलिपि शिकायतकर्ता को सौंप दी गई

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