रुड़की सिविल अस्पताल बना दलालों का अड्डा अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ स्वास्थ्य विभाग क्यों मौन
रुड़की के सिविल अस्पताल में लगातार बढ़ता जा रहा है फर्जी अस्पतालों के दलालों का कुनबा अस्पताल प्रबंधक एवं तीसरी आंख कही जाने वाले सीसीटीवी भी इन दलालों के सामने लाचार साबित हो रहे है क्योंकि रात के 9:00 बजते ही रुड़की सिविल अस्पताल महिला वार्ड एवं इमरजेंसी के सामने दलालों का जमवाड़ा लग जाता है और जैसे ही मरीज अस्पताल परिसर में पहुंचता है पहले से वहां पर तैनात यह दलाल मरीज के साथ आए उनके सगे संबंधियों को फुसलाकर कर अपने कब्जे में कर लेते हैं रुड़की में दर्जनो हॉस्पिटल ऐसे हैं जिनके दलाल वहां पर पूरी पूरी रात जमे रहते हैं और जैसे ही कोई गांव देहात से सरकारी अस्पताल में मरीज पहुंचता है उसको अपनी बातों में फंसा कर वह रुड़की सिविल अस्पताल में अच्छा इलाज ना होने बात कर मरीज को अस्पताल परिसर में घूम रही प्राइवेट गाड़ियों में डालकर अपने अस्पताल में भर्ती कर देते हैं और उसके बाद उसे मरीज से इलाज के नाम पर एक मोटी रकम वसूली जाती है हालांकि वहां पर रहने वाले सफाई कर्मचारी का कहना है कि यहां पर तो रात के समय दलालों में मरीज को लेकर 3000हज़ार से लेकर ₹12000 तक की बोली तक लग जाती है ऐसे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग क्यों है मेहरबान क्यों नहीं करते करवाई ना डॉक्टर और ना ही पैरामेडिकल स्टाफ फिर भी चल रहे हैं रुड़की में दर्जनों अस्पताल जिम्मेदार कौन

